March 17, 2011

वॉट अ बॅड आइडिया सरजी


Message from Idea cellular (Dated- 15th March 2011)
Idea laye hai behtareen naya STD pack kewal Rs 37 mein, kare recharge RV 37 se aur kijiye STD calls UP, Bihar sirf 25p/min poore 30 din ke liye. Shartey Lagoo.

आइडिया की तरफ से आए इस मेसेज को देख ज़रा झटका सा लगा! एसटीडी कॉल के इश्तिहार के रूप मे आया ये मेसेज उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को टारगेट ऑडियेन्स बना ये बता रहा है की एसटीडी कॉल काफ़ी सस्ती हो चुकी है! अपने अपने घर वालो से सस्ती बातचीत कर सकते हैं! मुझे झटका लगने की क्रिया स्वावाभिक सी थी! वो इसलिए क्योंकि इस तरह की बातें अक्सर राजनैतिक होती है! इस तरह की टारगेट ऑडियेन्स सिर्फ़ किसी राजनैतिक दल की होती है! भाई आख़िर २८ राज्यो वाले इस देश में एसटीडी क्या सिर्फ़ यूपी बिहार में ही लगता है ?

आइडिया मोबाइल मुंबई में अपने पैर जमाना चाहता है! वोडेफोन, रिलाइयन्स और एरटेल जैसे दिग्गज जब अपनी दुकान जमाए बैठे हैं तो आइडिया को कुछ अलग बात करनी होगी! बस इसी अलगपन को ढूँढने के चक्कर में आइडिया ने इस आइडिया का इस्तेमाल किया होगा! इस प्रमोशनल मेसेज को पढ़ खुद आइडिया का कुछ महीने पहले चलने वाला इश्तेहार याद आ गया! उस इश्तेहार में देश की विभिन्न संस्कृति से आए लोग आइडिया का इस्तेमाल कर देश जोड़ रहे थे! तब लगता था की "कॉर्पोरेट इंडिया" को डिवाइसिव पॉलिटिक्स से कुछ लेना देना नही है! पर इस मेसेज को देख लगता है की जब राज ठाकरे को उत्तर भारतीयो की वजह से किए गये अभियान से राजनैतिक फ़ायदा हो सकता है तो फिर "कॉर्पोरेट इंडिया" क्यों पीछे रहे!

आइडिया को अपने उपभोक्ताओ की संख्या बढ़ाने की ज़रूरत महसूस हो रही है! पर क्यों इसमे किसी राजनैतिक दल जैसी बात नज़र आती है! कोई भी नया राजनैतिक दल, पहले से मौजूद दिग्गाजो में, अपनी जगह बनाने के लिए लोगों में दरार लाना ठीक समझता है! इससे उसे चुनावो मे फ़ायदा भी होता है! ऐसे काई उदाहरण नज़र आते हैं! पर अब यही तरीका कॉर्पोरेट इंडिया के मार्केटिंग स्ट्रॅटजी का हिस्सा है! सेकूलरिस्म की बात तब करो जब उसका फ़ायदा हो! "लोकलाइट्स" की बात तब करो जब उसका फ़ायदा हो! तो फिर "डिवाइसिव पॉलिटिक्स" की बात भी तब करो जब उससे कोई फ़ायदा हो!


राज ठाकरे कम से कम इस बात को तो मानते हैं की वो लोकलाइट्स की बात करते हैं फिर वो डिवाइसिव पॉलिटिक्स है तो है!  हममे से कई लोग आज भी अपना वोट इन्ही विषयो पर तय करते हैं! पर कल अगर आइडिया से इस बारे में पूछा गया तो वो ज़रूर अपने आपको "इंडियन यूनिटी" की दुकान साबित करने मे लग जाएँगे!

(अगर आप आइडिया कंपनी के किसी उच्च पदाधिकारी से मिले तो इस बारे में ज़रूर बात कीजिएगा! ).

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